Aaj Ka Panchang: आज ’09 मई ‘ 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य

Aaj Ka Panchang: आज 09 मई 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य :-

~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~

♣ आज का पंचांग ♣

♦ दिनांक – 09 मई 2024
♦ दिन – गुरूवार
♦ विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
♦ शक संवत – 1946
♦ अयन – उत्तरायण
♦ ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
♦ मास – वैशाख
♦ पक्ष – शुक्ल
♦ तिथि – प्रतिपदा सुबह 06:21 तक तत्पश्चात द्वितीया
♦ नक्षत्र – कृत्तिका सुबह 11:55 तक तत्पश्चात रोहिणी
♦ योग – शोभन दोपहर 02:42 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
♦ राहुकाल – दोपहर 02:13 से शाम 03:51 तक
♦ सूर्योदय – 06:04
♦ सूर्यास्त – 19:05
♦ दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
♦ व्रत पर्व विवरण – चंद्र -दर्शन (शाम 06:58 से रात्रि 08:26 तक), द्वितीया क्षय तिथि
♦ विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

मात्र तीन दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने से संपूर्ण वैशाख मास का अनंत पुण्य मिलेगा।

Aaj Ka Panchang अक्षय तृतीया :-

10 मई 2024 शुक्रवार को अक्षय तृतीया हो।

‘अक्षय’ शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं। भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करे।

स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है।

भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता है | वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणीयुक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृषराशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है | विशेष रूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देने से अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पूर से युक्त जलदान करनेवाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्मलोक में पूजित होता है | यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करनेसे अनंत फल प्राप्त होता हैं।

अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।
तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।
उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।
तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।।

 अर्थ :-

भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठरसे कहते हैं, हे राजन इस तिथि पर किए गए दान व हवन का क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियोंने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है । इस तिथि पर भगवान की कृपादृष्टि पाने एवं पितरोंकी गतिके लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती हैं।

Aaj Ka Panchang अक्षय फलदायी “अक्षय तृतीया” :-

10 मई 2024 शुक्रवार को अक्षय तृतीया है ।

वैशाख शुक्ल तृतीया की महिमा मत्स्य, स्कंद, भविष्य, नारद पुराणों व महाभारत आदि ग्रंथो में है । इस दिन किये गये पुण्यकर्म अक्षय (जिसका क्षय न हो) व अनंत फलदायी होते हैं, अत: इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते है । यह सर्व सौभाग्यप्रद है ।

यह युगादि तिथि यानी सतयुग व त्रेतायुग की प्रारम्भ तिथि है । श्रीविष्णु का नर- नारायण, हयग्रीव और परशुरामजी के रूप में अवतरण व महाभारत युद्ध का अंत इसी तिथि को हुआ था ।

इस दिन बिना कोई शुभ मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ या सम्पन्न किया जा सकता है । जैसे – विवाह, गृह – प्रवेश या वस्त्र -आभूषण, घर, वाहन, भूखंड आदि की खरीददारी, कृषिकार्य का प्रारम्भ आदि सुख-समृद्धि प्रदायक है।

Aaj Ka Panchang प्रात:स्नान, पूजन, हवन का महत्त्व :-

इस दिन गंगा-स्नान करने से सारे तीर्थ करने का फल मिलता है । गंगाजी का सुमिरन एवं जल में आवाहन करके ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान तो सभी कर सकते है । स्नान के पश्चात् प्रार्थना करें :

माधवे मेषगे भानौं मुरारे मधुसुदन ।
प्रात: स्नानेन में नाथ फलद: पापहा भव ॥

‘हे मुरारे ! हे मधुसुदन ! वैशाख मास में मेष के सूर्य में हे नाथ ! इस प्रात: स्नान से मुझे फल देनेवाले हो जाओ और पापों का नाश करों ।’
सप्तधान्य उबटन व गोझरण मिश्रित जल से स्नान पुण्यदायी है । पुष्प, धूप-दीप, चंदनम अक्षत (साबुत चावल) आदि से लक्ष्मी- नारायण का पूजन व अक्षत से हवन अक्षय फलदायी है ।

Aaj Ka Panchang जप, उपवास व दान का महत्त्व :-

इस दिन किया गया उपवास, जप, ध्यान, स्वाध्याय भी अक्षय फलदायी होता है । एक बार हल्का भोजन करके भी उपवास कर सकते है । ‘भविष्य पुराण’ में आता है कि इस दिन दिया गया दान अक्षय हो जाता है । इस दिन पानी के घड़े, पंखे, (खांड के लड्डू), पादत्राण (जूते-चप्पल), छाता, जौ, गेहूँ, चावल, गौ, वस्त्र आदि का दान पुण्यदायी है । परंतु दान सुपात्र को ही देना चाहिए।

Aaj Ka Panchang पितृ-तर्पण का महत्त्व व विधि :-

इस दिन पितृ-तर्पण करना अक्षय फलदायी है । पितरों के तृप्त होने पर घर में सुख-शांति- समृद्धि व दिव्य संताने आती है ।

♦ विधि : इस दिन तिल एवं अक्षत लेकर र्विष्णु एवं ब्रम्हाजी को तत्त्वरूप से पधारने की प्रार्थना करें । फिर पूर्वजों का मानसिक आवाहन कर उनके चरणों में तिल, अक्षत व जल अर्पित करने की भावना करते हुए धीरे से सामग्री किसी पात्र में छोड़ दें तथा भगवान दत्तात्रेय, ब्रम्हाजी व विष्णुजी से पूर्वजों की सदगति हेतु प्रार्थना करें।

Aaj Ka Panchang आशीर्वाद पाने का दिन :-

इस दिन माता-पिता, गुरुजनों की सेवा कर उनकी विशेष प्रसन्नता, संतुष्टि व आशीर्वाद प्राप्त करें । इसका फल भी अक्षय होता है।

Aaj Ka Panchang अक्षय तृतीया का तात्त्विक संदेश :-

‘अक्षय’ यानी जिसका कभी नाश न हो । शरीर एवं संसार की समस्त वस्तुएँ नाशवान है, अविनाशी तो केवल परमात्मा ही है । यह दिन हमें आत्म विवेचन की प्रेरणा देता है । अक्षय आत्मतत्त्व पर दृष्टी रखने का दृष्टिकोण देता है । महापुरुषों व धर्म के प्रति हमारी श्रद्धा और परमात्म प्राप्ति का हमारा संकल्प अटूट व अक्षय हो – यही अक्षय तृतीया का संदेश मान सकते हो।

Aaj Ka Panchang अमावस्या जन्म एक विश्लेषण :-

अमावस्या अथवा कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को हुआ जन्म , अशुभ जन्म समझा जाता हैं । अमावस्या पर हुआ जन्म , कुण्डली में उपस्थित अनेकों शुभयोगों (जैसे राजयोग , धनयोग आदि) का नाश करनेवाला होता हैं । शास्त्रज्ञों ने अमावस्या पर हुए जन्म के अनेकानेक दुष्परिणाम गिनाये हैं।

जब तुलाराशी के नक्षत्र/नवांशों में सूर्य-चन्द्र की युति हों तब तो यह दोष और भी अधिक विषाक्त और अशुभ फलप्रद हों जाता हैं । ऐसी स्थिति अधिकांशतः दीपावली को बनती हैं।

महर्षि पाराशर अपनी “बृहत् पाराशर होराशास्त्रम्” के 88वें अध्याय के प्रथम 4 श्लोकों में जिन 17 अशुभ जन्मों का उल्लेख किया हैं उनमें “दर्श जन्म” (अमावस्या का जन्म) प्रमुख और सर्वप्रथम हैं।

आज अमावस्या जन्म के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करेंगे :-

1. Aaj ka Panchang अमावस्या_जन्म_किसे_कहेंगे :-

जब सूर्य और चन्द्र एक नक्षत्र में हों तब अमावस्या जन्म समझा जाता हैं। जब सूर्य और जन्द्र , एक नक्षत्र के साथ साथ एक ही नवांश में भी हों उस समय अमावस्या जन्म के अधिकाँश दुष्परिणाम देखने में आते हैं और जब एक नक्षत्र , एक नवांश और एक ही षष्ठ्यांश में हों तब तो अशुभ फल पूर्ण रूप से अपना रंग दिखाता हैं।
जब-जब ऐसे जातकों के (जिनका जन्म अमावस्या को हुआ हैं) जन्म-नक्षत्रों पर ग्रहण आया करता हैं तब तब ग्रहण से लगाकर छः महीने उनके लिए भयंकर कष्ट देनेवाले होते हैं । यदि जन्मनक्षत्र के साथ ही साथ जन्मकालिक नवांश भी ग्रहण की चपेट में हुआ (जब सूर्य और चन्द्र एक ही नवांश में हों तो) तब तो जातक को मृत्यतुल्य कष्ट प्राप्त होता हैं।

2. Aaj Ka Panchang अमावस्या_पर_हुआ_जन्म_अशुभ_क्यों_हैं :-

ज्योतिष-शास्त्रों में सबसे प्रमुख सूर्य और चन्द्र को माना गया हैं। सूर्य को जहां जातक की आत्मा वहीँ चन्द्र को जातक का मन/मस्तिष्क माना जाता हैं। सूर्य और चन्द्र को सदैव शुभ माना जाता हैं , यहाँ तक की अष्टमेश के दोष से भी यह दोनों मुक्त हैं।
अमावस्या को चन्द्र पूर्ण-अस्त समझा जाता हैं। चन्द्र के पूर्णतः अस्त होने से चन्द्र का शुभत्व जातक के लिए गौण हों जाता हैं वहीँ चन्द्र के साथ होने से सूर्य के शुभ फलों का भी महत्त्वपूर्ण ह्रास होता है।

मोटे तौर पर कुछ यों समझ लें की सूर्य और चन्द्र के शुभफल जातक को नगण्य अनुपात में प्राप्त होते हैं । चूँकि सारे शुभ-राज-धन योगों की पूर्णता में सूर्य और चन्द्र के शुभत्व का योगदान रहता हैं अतएव बड़े-बड़े योग कुंडली मं् उपस्थित होने पर भी उनका प्रभाव निष्फल हों जाता हैं।

3. Aaj Ka Panchang उपाय क्या हैं :-

जिस नक्षत्र में सूर्य और चन्द्र हैं , उस नक्षत्र के मन्त्रों से (उसी नक्षत्र के आनेपर) हवनात्मक अनुष्ठान करवाना चाहिए (जन्म के दो वर्षों के भीतर) । सदैव (जीवनभर) ऐसे नक्षत्र के प्राप्त होनेपर व्रत करना चाहिए और नक्षत्र के अनुरूप सामग्री का दान देना चाहिए। नक्षत्र की शान्ति और रवि-चन्द्र योग के अशुभ्त्व के नाश के लिए अपने इष्ट के अनुष्ठान जीवनभर करना चाहिए।
कोई भी अशुभत्व ऐसा नहीं जो प्रभुकृपा से शांत न हों सके । अतएव सदैव प्रभु का ध्यान एवम् भगवद्भक्ति श्रेयस्कर हैं।

Aaj Ka Panchang गुरुवार के ज्योतिष उपाय :-

हर गुरुवार केले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है।

इस दिन की गई केले के पेड़ की पूजा से आर्थिक तंगी समाप्त होती है और धन प्राप्ति से संबंधित समस्याएं दूर होती है ।

माँ लक्ष्मी हरिप्रिया हैं, इसलिये गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा से श्री हरी के साथ ही माँ लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा में दाल, गुड़ और हल्दी की गांठ जरूर अर्पित करनी चाहिये।

|| ♥ धन्यवाद् ♥ ||


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