Aaj Ka Panchang: आज 03 मई 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य :-
~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~
♣ आज का पंचांग ♣
♦ दिनांक – 03 मई 2024
♦ दिन – शुक्रवार
♦ विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
♦ शक संवत -1946
♦ अयन – उत्तरायण
♦ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♦ मास – वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)
♦ पक्ष – कृष्ण
♦ तिथि – दशमी रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात एकादशी
♦ नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 12:06 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
♦ योग – ब्रह्म दोपहर 02:19 तक तत्पश्चात इन्द्र
♦ राहुकाल – सुबह 10:58 से दोपहर 12:36 तक
♦ सूर्योदय-05:47
♦ सूर्यास्त- 18:33
♦ दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
♦ व्रत पर्व विवरण – पंचक
♦ *विशेष – *
Aaj Ka Panchang एकादशी व्रत के लाभ :-
♦ 03 मई 2024 शुक्रवार को रात्रि 11:24 से 04 मई, शनिवार को रात्रि 08:38 तक एकादशी है।
♦ विशेष – 04 मई, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
♦ एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
♦ जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है।
♦ जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है।
♦ एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है।
♦ धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है।
♦ कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है।
♦ परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है :एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
Aaj Ka Panchang एकादशी के दिन करने योग्य :-
एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l
Aaj Ka Panchang एकादशी के दिन ये सावधानी रहे :-
महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा
Aaj Ka Panchang वरुथिनी एकादशी व्रत कथा :-
धर्मराज युधिष्ठिर बोले: हे भगवन्! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। आपने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात कामदा एकादसी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके वैशाख कृष्णा एकादसी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि एवं महात्म्य क्या है?
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे राजेश्वर! वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कोवरुथिनी एकादशीके नाम से जाना जाता है। यह सौभाग्य देने वाली, सब पापों को नष्ट करने वाली तथा अंत में मोक्ष देने वाली है। इसकी महात्म्य कथा आपसे कहता हूँ..
प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा राज्य करते थे। वह अत्यंत दानशील तथा तपस्वी थे। एक दिन जब वह जंगल में तपस्या कर रहे थे, तभी न जाने कहाँ से एक जंगली भालू आया और राजा का पैर चबाने लगा। राजा पूर्ववत अपनी तपस्या में लीन रहे। कुछ देर बाद पैर चबाते-चबाते भालू राजा को घसीटकर पास के जंगल में ले गया।
राजा बहुत घबराया, मगर तापस धर्म अनुकूल उसने क्रोध और हिंसा न करके भगवान विष्णु से प्रार्थना की, करुण भाव से भगवान विष्णु को पुकारा। उसकी पुकार सुनकर भगवान श्रीहरि विष्णु प्रकट हुए और उन्होंने चक्र से भालू को मार डाला।
राजा का पैर भालू पहले ही खा चुका था। इससे राजा बहुत ही शोकाकुल हुए। उन्हें दुःखी देखकर भगवान विष्णु बोले: हे वत्स! शोक मत करो। तुम मथुरा जाओ और वरूथिनी एकादशी का व्रत रखकर मेरी वराह अवतार मूर्ति की पूजा करो। उसके प्रभाव से पुन: सुदृढ़ अंगों वाले हो जाओगे। इस भालू ने तुम्हें जो काटा है, यह तुम्हारे पूर्व जन्म का अपराध था।
भगवान की आज्ञा मानकर राजा मान्धाता ने मथुरा जाकर श्रद्धापूर्वक वरूथिनी एकादशी का व्रत किया। इसके प्रभाव से राजा शीघ्र ही पुन: सुंदर और संपूर्ण अंगों वाला हो गया। इसी एकादशी के प्रभाव से राजा मान्धाता स्वर्ग गये थे।
जो भी व्यक्ति भय से पीड़ित है उसे वरूथिनी एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए। इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होकर मोक्ष मिलता है।
Aaj Ka Panchang बहुत समस्या रहती हो तो :-
♦ जिनको कोई तकलीफ रहती है, कर्जा है, काम धंधा नहीं चलता, नौकरी नहीं मिलती तो
♦ सोमवार का दिन हो ना सुबह बेलपत्र, पानी और दूध | पहले दूध और पानी शिवलिंग पर चढ़ा दो फिर बेलपत्र रख दो |
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं | त्रिजन्म पापसंहारम् एकबिल्वं शिवार्पणं ||
♦ पाँच बत्ती वाला दीपक जलाकर रख दो और बैठकर थोडा अपना गुरुमंत्र जपो | तो जप भी हो जायेगा, जप का जप, पूजा की पूजा, काम का काम।
♦ मंगलवार को २ मिनट लगेंगे अगर गन्ने का रस मिल जाय थोडा सा या घर पर निकाल सकते है | वो थोडा रस शिवलिंग पर चढ़ा दिया।
मृत्युंजय महादेव त्राहिमाम् शरणागतमं | जन्म मृत्यु जराव्याधि पीड़ितं कर्मबंधनेहि ||
♦ बुधवार को थोडा जप कर लिया जल आदि चढ़ा दिया, नारियल रख दिया अगर हो तो नहीं तो कोई जरुरत नहीं है | जिनको ज्यादा तकलीफे है उनके लिए है और जिनको न हो तो हरि ॐ तत् सत् बाकी सब गपसप।
Aaj ka Panchang शुक्रवार के ज्योतिष उपाय :-
शुक्रवार के उपाय ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह उपाय शुक्र ग्रह को मजबूत करने और धन, सुख, और वैभव की प्राप्ति के लिए किए जाते हैं। शुक्रवार के दिन यदि आप निम्नलिखित उपाय करते हैं, तो आपको शुक्र ग्रह की स्थिति में सुधार हो सकता है:
- शुक्र स्तोत्र का पाठ: शुक्रवार के दिन शुक्र स्तोत्र का पाठ करने से शुक्र देव प्रसन्न होते हैं। यह उपाय शुक्र ग्रह को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
- मां लक्ष्मी की पूजा: शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा विधिवत करें। यह आपको धन की प्राप्ति के साथ-साथ वैभव भी प्रदान कर सकता है।
- सफेद वस्त्र पहनें: शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनने से शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने में मदद मिल सकती है।
- नारियल का तेल लगाएं: नारियल के तेल को अपने शरीर पर लगाने से भी शुक्र ग्रह को मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
- सफेद खाद्य पदार्थ खाएं: शुक्रवार की सुबह सबसे पहले सफेद खाद्य पदार्थ खाने से भी शुक्र ग्रह की स्थिति में सुधार हो सकती है।
|| ♥ धन्यवाद् ♥ ||
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