Aaj Ka Panchang: आज 05 मई 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य :-
~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~
♣ आज का पंचांग ♣
♦ दिनांक – 05 मई 2024
♦ दिन – रविवार
♦ विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
♦ शक संवत -1946
♦ अयन – उत्तरायण
♦ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♦ मास – वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)
♦ पक्ष – कृष्ण
♦ तिथि – द्वादशी शाम 05:41 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
♦ नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद शाम 07:57 तक तत्पश्चात रेवती
♦ योग – वैधृति सुबह 07:37 तक तत्पश्चात विष्कंभ
♦ राहुकाल – शाम 05:28 से शाम 07:05 तक
♦ सूर्योदय-05:46
♦ सूर्यास्त- 18:34
♦ दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
♦ व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत,पंचक
♦ विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
♦ रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
♦ रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
♦ रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
♦ स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
Aaj Ka Panchang प्रदोष व्रत :-
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 05 मई, रविवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…
Aaj Ka Panchang ऐसे करें व्रत व पूजा :-
♦ – प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
♦ – इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
♦ – पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
♦ – भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
♦ – भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
Aaj Ka Panchang ये उपाय करें :-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।
Aaj Ka Panchang कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि :-
06 मई 2024 सोमवार को मासिक शिवरात्रि है।
हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोले।इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी।
♣ 1).ॐ शिवाय नम:
♣ 2).ॐ सर्वात्मने नम:
♣ 3).ॐ त्रिनेत्राय नम:
♣ 4).ॐ हराय नम:
♣ 5).ॐ इन्द्र्मुखाय नम:
♣ 6).ॐ श्रीकंठाय नम:
♣ 7).ॐ सद्योजाताय नम:
♣ 8).ॐ वामदेवाय नम:
♣ 9).ॐ अघोरह्र्द्याय नम:
♣ 10).ॐ तत्पुरुषाय नम:
♣ 11).ॐ ईशानाय नम:
♣ 12).ॐ अनंतधर्माय नम:
♣ 13).ॐ ज्ञानभूताय नम:
♣ 14). ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
♣ 15).ॐ प्रधानाय नम:
♣ 16).ॐ व्योमात्मने नम:
♣ 17).ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:
Aaj Ka Panchang आर्थिक परेशानी से बचने हेतु :-
हर महीने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि – कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है | तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें।
और रात को जब 12 बज जायें तो थोड़ी देर जाग कर जप और एक श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।तो आर्थिक परेशानी दूर हो जायेगी।
प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना। बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप करना प्रार्थना करना, | इससे व्यक्ति के सिर पे कर्जा हो तो जल्दी उतरता है, आर्थिक परेशानियाँ दूर होती है।
Aaj Ka Panchang रविवार के ज्योतिष उपाय :-
रविवार के दिन ही सूर्य नारायण को जल अर्पित करें। जो व्यक्ति सप्ताह के सातों दिन अगर सूर्य देव को अर्घ्य ना दे पाए और सिर्फ रविवार के दिन ही सूर्य नारायण को जल अर्पित करे, उन्हें बाकी अन्य दिनों का भी पुण्य प्राप्त होता है।
रविवार के दिन सूर्य नारायण का व्रत (Fast) करना उनको अर्घ्य देना शुभ माना गया है। ऐसा करने से जातक की कुंडली का सूर्य मजबूत होता है और तरक्की के रास्ते खुलते जाते हैं। रविवार के दिन सच्चे मन से सूर्य देव (Surya Dev) की उपासना करने से भक्तों को बुद्धि, बल, विद्या, तेज और वैभव प्राप्त होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को मान, प्रतिष्ठा आत्मा, सरकारी क्षेत्र में सफलता दिलाने का कारक माना जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसे सरल उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें करके आप अपने भाग्य को चमका सकते हैं:
♦ गाय को रोटी खिलाएं: हिंदू धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। गाय हिंदुओं के लिए पूजनीय है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। रविवार के दिन सुबह के समय गाय को रोटी खिलाने से सूर्य नारायण प्रसन्न होते हैं। इस उपाय को आप सातों दिन कर सकते हैं, लेकिन समय नहीं होने के चलते आप इसे सिर्फ रविवार के दिन भी कर सकते हैं।
♦ कुमकुम और लाल फूल: रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करते समय कुमकुम और लाल फूल का उपयोग करें। यह उपाय सूर्य के गुणों को बढ़ावा देता है और आपके जीवन में उत्तराधिकारी बनाता है।
♦ अर्घ्य देना: रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से आपके जीवन में सफलता और खुशियाँ आती हैं। सूर्य देव के दिन को अर्घ्य देने से आपके धन, स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र में वृद्धि होती है।
Aaj ka Panchang जन्मकुंडली द्वारा नौकरी में समस्या किन कारणों से :-
हम अपने आस पास ऐसे बहुत से व्यक्तियों को देखते हैं जिनमे योग्यता होते हुए भी अच्छी नोकरी नही लग पाती है बार बार नौकरी जॉब छूट जाती है या कार्यक्षेत्र में कोई ऐसी दिक्कत बन जाती है जिसके कारण उनको नौकरी आदि से अलगाव हो जाता हैं।
ज्योतिष में 6ठे भाव से नोकरी व 10वे भाव से कार्यक्षेत्र की गणना की जाती है।
♦ जब छठे भाव का सम्बंध द्वितीय, दशम व दशम भाव व भावेश का सम्बंध दूसरे व छठे से बनता है तो जातक जीवन मे अच्छी जॉब,पद, अधिकार पता है।
लेकिन जब दशम भाव मे चन्द्र स्थित हो ओर पीड़ित य्या कमजोर स्थिति में हो तो जातक नोकरी आदि में स्थिर नही हो पाता है बार बार जॉब बदलने की स्थिति उतपन्न हो जाती है व जॉब लगना भी एक युद्ध जितने के बराबर हो जाता है।
♦जब कुंडली मे कर्म कारक शनि शत्रु राशि मे मंगल सूर्य आदि ग्रहो के साथ स्थित हो या अस्त कमजोर स्थिति में हो तो जातक के नौकरी आदि में स्थिरता नही आती है।
पंचम भाव , छठे यानी नौकरी वाले भाव का व्यय स्थान होता ह और नवम भाव भी दशम भाव का व्यय भाव होता है ।
♦ जब कुंडली मे पंचमेश नवम में , नवमेश पंचम में, दशमेश पंचम में व पंचमेश दशम में व नवमेश दशम य्या पंचम में हो और क्रूर ग्रह की दृष्टि या युति में हो तो बार बार नौकरी छूट जाती है ।
या जातक सरकारी नौकरी लगने के बाद भी स्वम अपने दिमागी भ्रम से नोकरी छोड़ देता है।
दशम भाव मे दो से अधिक क्रूर ग्रह स्थित हो जाये तो व्यक्ति को नौकरी नही करने देते हैं।
नवम व पंचम भाव अधिक बलवान स्थिति में हो तो जातक किसी के अंदर नोकरी नही कर पाता है।
बुध गुरु जब खराब स्थिति में हो और लग्नेश पंचम नवम भाव मे हो तो नौकरी में बार बार बदलाव होता है।
जब पंचमेश ही अष्टमेश हो और उसी की महादशा चल रही हो या अंतर्दशा चल रही हो तो नोकरी छूटना,बदलना आदि कार्य हो जाता हैं।
पीड़ित लग्नेश ,कमजोर लग्नेश भी एक कारण होता है।।
|| ♥ धन्यवाद् ♥ ||
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