Aaj Ka Panchang: आज 11 मई 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य :-
~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~
♣ आज का पंचांग ♣
♦ दिनांक – 11 मई 2024
♦ दिन – शनिवार
♦ विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
♦ शक संवत -1946
♦ अयन – उत्तरायण
♦ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♦ मास – वैशाख
♦ पक्ष – शुक्ल
♦ तिथि – चतुर्थी 12 मई रात्रि 02:03 तक तत्पश्चात पंचमी
♦ नक्षत्र – मृगशिरा सुबह 10:15 तक तत्पश्चात आर्द्रा
♦ योग – सुकर्मा सुबह 10:03 तक तत्पश्चात धृति
♦ राहुकाल – सुबह 09:19 से सुबह 10:57 तक
♦ सूर्योदय-05:43
♦ सूर्यास्त- 18:36
♦ दिशाशूल – पूर्व दिशा में
♦ व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी
♦ विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
♦ ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
♦ शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
♦ हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
Aaj Ka Panchang तुलसी के बीज का चमत्कार :-
♦ तुलसी के बीज पीसकर रखो । एक चुटकी बीज रात को भिगा दो । सुबह खा लो । इससे ….
♦ पेट की तकलीफ़ भागेगी।
♦ यादशक्ति बढेगी ।
♦ बुढ़ापे की कमजोरी से बचोगे।
♦ heart attack नहीं होगा।
♦ High Blood Pressure भी नहीं होगा।
Aaj Ka Panchang वास्तु शास्त्र :-
यदि घर में लक्ष्मीजी की फोटो लगानी हो तो ऐसी फोटो लगाए, जिसमें वे बैठी हुई हों। जिस फोटो में लक्ष्मीजी खड़ी हुई दिखाई देती हैं, वह फोटो घर में लगाने से बचना चाहिए।
Aaj Ka Panchang भूख नहीं लगती हो तो :-
भूख नहीं लगती है मजबूत बनना है तो-आंवले का रस, अदरक का रस, पुदीने का रस और शक्कर मिलाकर पी लो, टानिक बनती है। स्वास्थ्य बढ़िया रहता है।
Aaj Ka Panchang ससुराल में कोई तकलीफ :-
किसी सुहागन बहन को ससुराल में कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखें …उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखें..भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं खाए, दूध रोटी खा लें.. शुक्ल पक्ष की तृतीया को.. अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष में जो तृतीया आती है उसको ऐसा उपवास रखें …नमक बिना का भोजन(दूध रोटी) , एक बार खाए बस……अगर किसी बहन से वो भी नहीं हो सकता पूरे साल का तो केवल
माघ महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया,
वैशाख शुक्ल तृतीया (यानी 10 मई 2024 शुक्रवार को) और
भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया
जरुर ऐसे ३ तृतीया का उपवास जरुर करें …नमक बिना का भोजन करें ….जरुर लाभ होगा…
ऐसा व्रत वशिष्ठ जी की पत्नी अरुंधती ने किया था…. ऐसा आहार नमक बिना का भोजन…. वशिष्ठ और अरुंधती का वैवाहिक जीवन इतना सुंदर था कि आज भी सप्त ऋषियों में से वशिष्ठ जी का तारा होता है , उनके साथ अरुंधती का तारा होता है…आज भी आकाश में रात को हम उन का दर्शन करते हैं …
शास्त्रों के अनुसार शादी होती तो उनका दर्शन करते हैं ….. जो जानकार पंडित होता है वो बोलता है…शादी के समय वर-वधु को अरुंधती का तारा दिखाया जाता है और प्रार्थना करते हैं कि , “जैसा वशिष्ठ जी और अरुंधती का साथ रहा ऐसा हम दोनों पति पत्नी का साथ रहेगा..” ऐसा नियम है….
चन्द्रमा की पत्नी ने इस व्रत के द्वारा चन्द्रमा की यानी २७ पत्नियों में से प्रधान हुई….चन्द्रमा की पत्नी ने तृतीया के व्रत के द्वारा ही वो स्थान प्राप्त किया था…तो अगर किसी सुहागन बहन को कोई तकलीफ है तो ये व्रत करें ….उस दिन गाय को चंदन से तिलक करें … कुम-कुम का तिलक ख़ुद को भी करें उत्तर दिशा में मुख करके …. उस दिन गाय को भी रोटी गुड़ खिलाये।
Aaj Ka Panchang अमावस्या जन्म एक विश्लेषण :-
अमावस्या अथवा कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को हुआ जन्म , अशुभ जन्म समझा जाता हैं । अमावस्या पर हुआ जन्म , कुण्डली में उपस्थित अनेकों शुभयोगों (जैसे राजयोग , धनयोग आदि) का नाश करनेवाला होता हैं । शास्त्रज्ञों ने अमावस्या पर हुए जन्म के अनेकानेक दुष्परिणाम गिनाये हैं।
जब तुलाराशी के नक्षत्र/नवांशों में सूर्य-चन्द्र की युति हों तब तो यह दोष और भी अधिक विषाक्त और अशुभ फलप्रद हों जाता हैं । ऐसी स्थिति अधिकांशतः दीपावली को बनती हैं।
महर्षि पाराशर अपनी “बृहत् पाराशर होराशास्त्रम्” के 88वें अध्याय के प्रथम 4 श्लोकों में जिन 17 अशुभ जन्मों का उल्लेख किया हैं उनमें “दर्श जन्म” (अमावस्या का जन्म) प्रमुख और सर्वप्रथम हैं।
आज अमावस्या जन्म के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करेंगे :-
1. Aaj ka Panchang अमावस्या_जन्म_किसे_कहेंगे :-
जब सूर्य और चन्द्र एक नक्षत्र में हों तब अमावस्या जन्म समझा जाता हैं। जब सूर्य और जन्द्र , एक नक्षत्र के साथ साथ एक ही नवांश में भी हों उस समय अमावस्या जन्म के अधिकाँश दुष्परिणाम देखने में आते हैं और जब एक नक्षत्र , एक नवांश और एक ही षष्ठ्यांश में हों तब तो अशुभ फल पूर्ण रूप से अपना रंग दिखाता हैं।
जब-जब ऐसे जातकों के (जिनका जन्म अमावस्या को हुआ हैं) जन्म-नक्षत्रों पर ग्रहण आया करता हैं तब तब ग्रहण से लगाकर छः महीने उनके लिए भयंकर कष्ट देनेवाले होते हैं । यदि जन्मनक्षत्र के साथ ही साथ जन्मकालिक नवांश भी ग्रहण की चपेट में हुआ (जब सूर्य और चन्द्र एक ही नवांश में हों तो) तब तो जातक को मृत्यतुल्य कष्ट प्राप्त होता हैं।
2. Aaj Ka Panchang अमावस्या_पर_हुआ_जन्म_अशुभ_क्यों_हैं :-
ज्योतिष-शास्त्रों में सबसे प्रमुख सूर्य और चन्द्र को माना गया हैं। सूर्य को जहां जातक की आत्मा वहीँ चन्द्र को जातक का मन/मस्तिष्क माना जाता हैं। सूर्य और चन्द्र को सदैव शुभ माना जाता हैं , यहाँ तक की अष्टमेश के दोष से भी यह दोनों मुक्त हैं।
अमावस्या को चन्द्र पूर्ण-अस्त समझा जाता हैं। चन्द्र के पूर्णतः अस्त होने से चन्द्र का शुभत्व जातक के लिए गौण हों जाता हैं वहीँ चन्द्र के साथ होने से सूर्य के शुभ फलों का भी महत्त्वपूर्ण ह्रास होता है।
मोटे तौर पर कुछ यों समझ लें की सूर्य और चन्द्र के शुभफल जातक को नगण्य अनुपात में प्राप्त होते हैं । चूँकि सारे शुभ-राज-धन योगों की पूर्णता में सूर्य और चन्द्र के शुभत्व का योगदान रहता हैं अतएव बड़े-बड़े योग कुंडली मं् उपस्थित होने पर भी उनका प्रभाव निष्फल हों जाता हैं।
3. Aaj Ka Panchang उपाय क्या हैं :-
जिस नक्षत्र में सूर्य और चन्द्र हैं , उस नक्षत्र के मन्त्रों से (उसी नक्षत्र के आनेपर) हवनात्मक अनुष्ठान करवाना चाहिए (जन्म के दो वर्षों के भीतर) । सदैव (जीवनभर) ऐसे नक्षत्र के प्राप्त होनेपर व्रत करना चाहिए और नक्षत्र के अनुरूप सामग्री का दान देना चाहिए। नक्षत्र की शान्ति और रवि-चन्द्र योग के अशुभ्त्व के नाश के लिए अपने इष्ट के अनुष्ठान जीवनभर करना चाहिए।
कोई भी अशुभत्व ऐसा नहीं जो प्रभुकृपा से शांत न हों सके । अतएव सदैव प्रभु का ध्यान एवम् भगवद्भक्ति श्रेयस्कर हैं।
Aaj Ka Panchang शनिवार के ज्योतिष उपाय :-
शनिवार को अपने जीवन में सुख, समृद्धि, धन, वैभव, और मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित ज्योतिष उपाय कर सकते हैं:
- हनुमान चालीसा का पाठ :- शनिदेव की कुदृस्ति से बचने के लिए हनुमान चलिशा का पाठ करे ये आपके जीवन में सुख और शांति लाने में मदद करेगा।
- काली गाय की सेवा: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काली गाय की सेवा करें।
- हनुमानजी की पूजा: शनिदेव के प्रकोप से पीड़ित होने पर हनुमानजी की पूजा करें।
- लाल किताब और ज्योतिष के अनुसार कार्य: शनिवार को लाल किताब और ज्योतिष के अनुसार कुछ कार्य करें।
याद रखे शनिदेव के उपायों को नियमित रूप से करने से ही उनकी किरपा दृष्टि बानी रहेगी जिससे जीवन खुसियल होगा।
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|| ♥ धन्यवाद् ♥ ||
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