Aaj Ka Panchang: आज 27 मार्च 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य
🌞~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~🌞
♦~ वैदिक पंचांग ~♦
🌤️ दिनांक – 27 मार्च 2024
🌤️ दिन – बुधवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – वसंत ऋतु
🌤️ मास – चैत्र (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार फाल्गुन
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – द्वितीया शाम 05:06 तक तत्पश्चात तृतीया
🌤️ नक्षत्र – चित्रा शाम 04:16 तक तत्पश्चात स्वाती
🌤️ योग – व्याघात रात्रि 10:54 तक तत्पश्चात हर्षण
🌤️ राहुकाल – दोपहर 12:44 से दोपहर 02:16 तक
🌞 सूर्योदय – 06:37
🌤️ सूर्यास्त – 18:50
👉 दिशाशूल – उत्तर दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण –
💥 विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
~ Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~
♦ विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए :-
♦ 28 मार्च 2024 गुरुवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:24)
♦ शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :
♦ ॐ गं गणपते नमः ।
♦ ॐ सोमाय नमः ।
♦ चतुर्थी तिथि विशेष :-
♦ चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
♦ हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
♦ पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
♦ शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
♦ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
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~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~
♦ कोई कष्ट हो तो :-
हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों
⇒ छः मंत्र इस प्रकार हैं :-
♦ ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
♦ ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।
♦ ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
♦ ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
♦ ॐ अविघ्नाय नम:
♦ ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
♣ ज्योतिष में बुधवार के दिन के उपाय :-
- बुधवार को हरे रंग के वस्त्र का दान :- इससे बुध ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ावा मिलता है। हर रंग और किन्नर दोनों ही बुध ग्रह से संबंधित हैं, इसलिए ज्योतिषशास्त्र में किन्नरों को हरे रंग के वस्त्र देना शुभ फलदायी बताया गया है।
- मूंग की दाल दान :- बुधवार को मूंग की दाल दान करने से कष्टों का निवारण होता है। किसी गरीब अथवा जरूरतमंद को मूंग दान करें और फिर देखें कि कैसे आपके सभी दुख दूर हो जाते हैं।
- गाय को हरी घास खिलाना :- बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
- बुध ग्रह के मंत्र जप :- यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है या फिर नीच का हो, तो आप बुध ग्रह की शुभता पाने के लिए बुध के बीज मंत्र का जाप करें — ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय् नम:।।’ इस मंत्र का जाप 14 बार किया जाता है।
- तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना :- प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाने से बुध ग्रह के दोष दूर हो सकते हैं।
याद रखें कि ये उपाय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हैं और आपकी शांति और सुख-समृद्धि के लिए किए जाते हैं।
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