Aaj Ka Panchang: आज 10 अप्रैल 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य:-
~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌤️ दिनांक – 10 अप्रैल 2024
🌤️ दिन – बुधवार
🌤️ विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार – 2080)
🌤️ शक संवत -1946
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – वसंत ॠतु
🌤️ मास – चैत्र
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – द्वितीया शाम 05:32 तक तत्पश्चात तृतीया
🌤️ नक्षत्र – भरणी 11अप्रैल रात्रि 03:05 तक तत्पश्चात कृत्तिका
🌤️ योग – विष्कंभ सुबह 10:38 तक तत्पश्चात प्रीति
🌤️ राहुकाल – दोपहर 12:40 से दोपहर 02:14 तक
🌞 सूर्योदय-06:24
🌤️ सूर्यास्त- 18:55
👉 दिशाशूल – उत्तर दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – चेटीचंड,श्री झूलेलाल जयंती
💥 विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
Aaj Ka Panchang चैत्र नवरात्रि
चैत्र मास के नवरात्रि का आरंभ 09 अप्रैल, मंगलवार से हो गया है। मान्यता है कि नवरात्रि में रोज देवी को अलग-अलग भोग लगाने से तथा बाद में इन चीजों का दान करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जानिए नवरात्रि में किस तिथि को देवी को क्या भोग लगाएं।
नवरात्रि की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं ।इससे उम्र लंबी होती है ।
Aaj Ka Panchang चैत्र नवरात्रि :-
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार वासंतिक नवरात्रि का प्रारंभ 09 अप्रैल, मंगलवार से हो गया है, धर्म ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप का पूजन करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। जानिए नवरात्रि में किस दिन देवी के कौन से स्वरूप की पूजा करें।
Aaj Ka Panchang तप की शक्ति का प्रतीक है मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती है कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योगशास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान चक्र में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।
Aaj Ka Panchang बुधवार के ज्योतिष उपाय :-
बुधवार का गृह है बुध और इस गृह के दूषित होने से नौकरी, ब्यापार, बुद्धि, लेखन सहित सरीर के कई अंगो पे असर देता है। बुध गृह अगर कमजोर है तो लाल किताब के अनुसार दन्त ख़राब होना, सूंघने की सकती चीन होना और जातक तुतलाने लगता है। वाणी ख़राब झूठ बोलना या गप्प लड़ने की आदत पर जाती है। आइये जानते है बुधवार को ऐसे कोण से उपाय करे जिससे बुध गृह मजबूत होंगे।
बुधवार के ज्योतिष उपाय करने से आपको नौकरी और व्यापार में चमत्कारिक लाभ हो सकता है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं:
- कन्या भोज: बुधवार के दिन श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। बाद में यह घी व गुड़ गाय को खिला दें। फिर दुर्गा मंदिर के बाहर बैठी किसी कन्या को बुधवार के दिन भोजन कराएं। माता को हरे रंग की चूड़ियां चढ़ाएं या 9 कन्याओं को हरे रंग का रुमाल बांटें।
- नाक छिदवाएं: यदि नौकरी में स्थायित्व नहीं है और व्यापार में घाटा ही होता रहता है, तो किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर बुधवार के दिन नाक छिदवाएं और गुरुवार को गुरु का दान कर करें।
- गाय को चारा खिलाएं और खुद तुलसी का पत्ता खाएं: बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं और तुलसी का गिरा हुआ पत्ता धोकर खाना बहुत शुभ होता है।
याद रखें कि ये उपाय ज्योतिष के अनुसार हैं और व्यक्तिगत अनुभव पर निर्भर करते हैं।
रोचक तथ्य जो आपको किताबो में शायद ही मिले तो आऐ जाने ।।
Aaj ka Panchang गन्ना यानी बुध, शुक्र और केतु युति
गन्ना एक घास की प्रजाति है।
ये बुध, शुक्र और केतु को कंट्रोल करता है ।
बुध यानी घास,
शुक्र यानी रस
केतु यानी लम्बाई
यानी लम्बाई वाली मीठी घास यानी गन्ना।
♦अब शुक्र और बुध गले ,कंठ ,बोलने,स्वर ,वृद्धि पर प्रभाव रखते हैं,
इनके साथ अगर केतु हो तो गले की दिक्कत ,कनफेड टॉन्सिल ,स्वर बिगड़ना, गला बैठ जाना ,गले या स्वर का जड़त्व , हकलापन,गले की थाइराइड की समस्या अक्सर बन जाती है ।
♦जरा गौर करे जब हम गन्ना चूसते हैं तो जाड़ ,गले की नसे, कनपटी, व आंख की साइड वाले खोपड़ी के गोलक तक पर जोर लगता है ।
यानी कंठ से खोपड़ी तक कि कसरत हो जाती है
व इसी कसरत के चलते गन्ने का रस टॉक्सिन को दूरकर देता ह तो गला साफ हो जाता है।
♦तो जिसके बार बार गले मे दिख हो ,टॉन्सिल हो, गला बैठ गया हो ,
हकलापन हो वो व्यक्ति गन्ने का प्रयोग एक रेमेडी की तरह करे तो इन दिक्कतों से छुटकारा लाजमी मिल जाता है ।
♦शुक्र का प्रभाव गुप्तांग ,मूत्र सम्बंदि, वीर्य , से ह
केतु संग होने से मूत्र में जलन वीर्य ,रज में गर्मी उतपन होजाती है ।
जिससे गर्भ धारण में दिक्कत होती
♦गन्ने का रस पुष्ट ह जो यूरिन को साफ करता ह जलनको खत्म करता ह ।
♦तो शुक्र बुध व केतु की युति वाले ।
या बुध व शुक्र पीड़ित वाले ।
या बुध व शुक्र का भाव
यानी द्वितीय व तृतीय में पाप प्रभाव हो
या इन ग्रहों के बिगड़ने से गले मे दिक्कत बनती हो तो
गन्ने का उपभोग अति उत्तम कार्य करेगा।
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|| ♥ धन्यवाद् ♥ ||
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