“Aaj Ka Panchang: आज 21 मार्च 2024 का शुभ मुहूर्त, पढ़ें दिशाशूल, तिथि और शुभ कार्य!!!”
**Aaj Ka Panchangआज का हिन्दू पंचांग**
**वैदिक पंचांग**
🌞 ~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌤️ दिनांक – 21 मार्च 2024
🌤️ दिन – गुरूवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – वसंत ॠतु
🌤️ मास – फाल्गुन
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – द्वादशी 22 मार्च प्रातः 04:44 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
🌤️ नक्षत्र – अश्लेशा 22 मार्च रात्रि 01:27 तक तत्पश्चात मघा
🌤️ योग – सुकर्मा शाम 05:42 तक तत्पश्चात धृति
🌤️ राहुकाल – दोपहर 02:17 से शाम 03:48 तक
🌞 सूर्योदय-06:32
🌤️ सूर्यास्त- 17:48
👉 दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – श्री गोविन्द द्वादशी
💥 विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~Aaj Ka Panchang वैदिक पंचांग ~ 🌞
♦ प्रदोष व्रत :-
♣ हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 22 मार्च, शुक्रवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है।
♣ ऐसे करें व्रत व पूजा :-
♣ – प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
♣ – इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
♣ – पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
♣ – भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
♣ – भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
♣ ये उपाय करें :-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।
♠ होली में क्या करें :-
♣ होली की रात्रि चार पुण्यप्रद महारात्रियों में आती है। होली की रात्रि का जागरण और जप बहुत ही फलदायी होता है।
♣ ऋतु-परिवर्तन के 10-20 दिनों में नीम के 15 से 20 कोमल पत्तों के साथ 2 काली मिर्च चबाकर खाने से वर्ष भर आरोग्य दृढ़ रहता है। बिना नमक का भोजन 15 दिन लेने वाले की आयु और प्रसन्नता में बढ़ोतरी होती है।
♣ होली के बाद खजूर खाना मना है।
♣ बाजारू केमिकलों से युक्त रंगों के बदले पलाश के फूलों के रंग से अथवा अन्य प्राकृतिक रंगों से होली खेलनी चाहिए। इससे सप्तरंगों व सप्तधातुओं का संतुलन बना रहता है।
♣ अन्य कुछ प्राकृतिक रंगः मेंहदी पाऊडर के साथ आँवले का पाऊडर मिलाने से भूरा रंग। चार चम्मच बेसन में दो चम्मच हल्दी पाऊडर मिलाने से अच्छा पीला रंग बनता है। बेसन के स्थान पर आटा, मैदा, चावल का आटा, आरारोट या मुलतानी मिट्टी का भी उपयोग किया जा सकता है।
♣ दो चम्मच हल्दी पाउडर दो लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह उबालने से गहरा पीला रंग प्राप्त होता है।
आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रात भर भिगोने से काला रंग तैयार होता है।
♣ गुरुवार के ज्योतिष उपाय :-
हर गुरुवार केले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है.
इस दिन की गई केले के पेड़ की पूजा से आर्थिक तंगी समाप्त होती है और धन प्राप्ति से संबंधित समस्याएं दूर होती है ।
माँ लक्ष्मी हरिप्रिया हैं, इसलिये गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा से श्री हरी के साथ ही माँ लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा में दाल, गुड़ और हल्दी की गांठ जरूर अर्पित करनी चाहिये।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
|| धन्यवाद् ||
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