“Shastro शास्त्रों के अनुसार आपको किसके पैर नहीं छूना चाहिए!!!1”

Shastro शास्त्रों के अनुसार आपको किसके पैर नहीं छूना चाहिए, आइये जाने :-

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हिन्दू धर्म में अपने से आयु में बड़े, सिद्ध व्यक्तियों और गुरुओं के पैर छूने की परंपरा शुरू से ही चली आ रही है। इसके जरिये हम उनके प्रति अपना सम्मान व आभार प्रकट करते हैं तो वहीं सामने वाला व्यक्ति प्रेम स्वरुप अपना आशीर्वाद हमें देता है। वैसे तो यह परंपरा बहुत ही सराहनीय है लेकिन सभी रीतियों में नियमों का पालन करना भी अति आवश्यक होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए आपको यह भी अवश्य पता होना चाहिए कि आपको किसके पैर नहीं छूने चाहिए (Kiske Pair Nahi Chune Chahiye)।

अब आप में से कुछ लोगों को इसके बारे में ज्ञान होगा क्योंकि इसके बारे में हमें घरवाले ही बता देते हैं या हम अपने आसपास देख लेते हैं। फिर भी कुछ रिश्ते या नियम ऐसे हैं जिनमें सामान्य रूप से लोगों को पता नहीं होता है। ऐसे में आपको किसके पैर नहीं छूना चाहिए (Kiske Pair Nahi Chuna Chahiye) और किसके छूने चाहिए, इसके बारे में संपूर्ण व सही ज्ञान होना आवश्यक है। तो चलिए इस पर विस्तार से बात कर लेते हैं।

Shastro शास्त्रों के अनुसार किसके पैर नहीं छूने चाहिए :-

कई बार यह देखने में आता है कि हम परंपराओं का पालन तो करते हैं लेकिन उनके सही नियम नहीं पता होने के कारण भूल कर बैठते हैं। ऐसे में उस परंपरा का लाभ होने की बजाये हानि उठानी पड़ती है। ऐसे में कुछ नियम पैर छूने या चरण स्पर्श को भी लेकर बनाये गए हैं। इसलिए आपका उनके बारे में ज्ञान लेना अति आवश्यक हो जाता है।

पहले हम शास्त्रों के अनुसार किसके पैर नहीं छूना चाहिए (Kiska Pair Nahi Chhuna Chahiye), इसके बारे में बात करने वाले हैं। साथ ही आपको इससे संबंधित कारण भी बताने वाले हैं ताकि आपको इस नियम के बारे में स्पष्टता हो सके। तो आइये जाने शास्त्रों के अनुसार किस व्यक्ति के पैर छूना वर्जित माना गया है।

♦ Shastro शास्त्रों के अनुसार कन्या को सभी के :-

पैर छूने के इस नियम से तो सभी भलीभांति परिचित होते हैं। सनातन धर्म के अनुसार कन्या को साक्षात देवी का रूप माना जाता है और देवी से पैर नहीं छुआए जाते हैं बल्कि स्वयं उसके पैर छुए जाते हैं। ऐसे में कुंवारी लड़की या कन्या से पैर छुआना सर्वथा वर्जित माना गया है। बल्कि कन्या के माता-पिता सहित अन्य सभी उसके पैर छू सकते हैं लेकिन उससे अपने पैर नहीं छुआ सकते हैं।

यहाँ कन्या का अर्थ हुआ वह महिला जिसकी माहवारी अर्थात पीरियड्स नहीं शुरू हुए हैं। सामान्य तौर पर एक लड़की के लिए माहवारी शुरू होने की आयु 12 वर्ष के आसपास होती है। इस आधार पर 12 वर्ष की आयु तक किसी भी कन्या से पैर नहीं छुआने चाहिए।

♦ Shastro शास्त्रों के अनुसार महिला को अपने घरवालों के :-

कन्या के बाद बारी आती है महिला की। आपका प्रश्न होगा कि जो स्त्री अब कन्या से महिला बन चुकी है अर्थात कुंवारी नहीं रही है तो क्या अब उससे पैर छुआए जा सकते हैं। तो इसका उत्तर हां और नहीं दोनों है। दरअसल एक महिला को आजीवन अपने स्वयं के घरवालों अर्थात माता-पिता और उनसे संबंधित किसी भी रिश्तेदार, मित्र या गुरु के पैर नहीं छूने होते हैं। एक तरह से उस महिला को तो अपने शहर के पंडित और आचार्यों के भी पैर नहीं छूने होते हैं।

यदि उस महिला का विवाह हो जाता है तो विवाह के पश्चात उसे केवल अपने पति से संबंधित रिश्तेदारों, मित्रों और गुरुओं के पैर छूने होते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो घरवालों को कभी भी अपनी बहन और बेटियों से पैर नहीं छुआने होते हैं। फिर चाहे उनका विवाह हो चुका हो या नहीं।

♦ Shastro शास्त्रों के अनुसार बड़ों को छोटे के :-

अब आप कहेंगे कि यह नियम तो आप जानते ही हैं और पैर छूने की परंपरा इसी आधार पर ही निभाई जाती है। किन्तु हम इस नियम को थोड़ा विस्तार से आपको समझा देते हैं। दरअसल अधिकतर लोग इसमें आयु को ही बड़ा मानकर पैर छूने की परंपरा को निभाते हैं जो कि आंशिक रूप से सही भी है लेकिन पूर्ण रूप में नहीं।

दरअसल आयु से ज्यादा महत्व रिश्तों और गुणों को दिया गया है। पहले बात रिश्ते की कर लेते हैं। तो यदि आप रिश्ते में किसी व्यक्ति के पैर छूते हैं तो उसमें आयु से पहले रिश्ते को महत्व दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर एक घर में दो भाई हैं। अब बड़े भाई की पत्नी की आयु छोटे भाई की पत्नी से कम है तो भी छोटे भाई की पत्नी को ही रिश्ते के तौर पर बड़े भाई की पत्नी के पैर छूने होंगे।

वहीं कहीं-कहीं रिश्तों में गैप इतना आ जाता है या दूर के रिश्तों में यह देखने को मिलता है कि भतीजा चाचा से आयु में बड़ा है। फिर भी यहाँ भतीजे को ही आयु में छोटे चाचा के पैर छूने होंगे। रिश्तों के बाद आयु को महत्व दिया जाता है जैसे कि बड़े भाई के पैर छोटा भाई छुएगा इत्यादि। उसी तरह, जहाँ रिश्ते नहीं हैं, वहां आयु से ज्यादा गुणों को महत्व दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर छोटी आयु के पंडित के भी सभी लोगों को पैर छूने होते हैं।

♦Shastro शास्त्रों के अनुसार पति को पत्नी के :-

यह तो सनातन धर्म की परंपरा है कि एक पत्नी को अपने पति के पैर छूने होते हैं। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और समृद्धि आती है। अब आज के समय में जहाँ महिला सशक्तिकरण की बात हो रही है तो कुछ लोग कहने लगे हैं कि पति को भी पत्नी के पैर छूने चाहिए। अब जिसको जो करना है, वह कर सकता है लेकिन यह शास्त्र सम्मत नहीं कहा जा सकता है।

दरअसल यदि पति अपनी पत्नी के पैर छूता है तो वह स्वयं अपनी पत्नी को ही पाप का भागीदार बना रहा होता है। इससे पुरुष पर कोई पाप नहीं चढ़ता है अपितु उसकी पत्नी ही पाप की भागीदार बनती चली जाती है। अपने पति से पैर छुआना एक पत्नी के स्वधर्म में बाधा बनता है। इससे घर में कलेश बढ़ता है और पत्नी का पतिव्रत धर्म भी अपवित्र हो जाता है।

♦Shastro शास्त्रों के अनुसार सन्यासी को गुरु के अलावा सभी के :-

जो व्यक्ति सन्यासी होता है या सन्यास धारण कर लेता है अर्थात मोहमाया का त्याग कर देता है, उसे अपने माता-पिता सहित किसी भी रिश्तेदार या अन्य व्यक्ति के पैर नहीं छूने चाहिए। यहाँ कुछ लोग सन्यास का अर्थ विवाह नहीं करने से ले रहे होंगे लेकिन ऐसा नहीं है। विवाह नहीं करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला कहा जाता है जबकि सन्यासी वह होता है जो सभी तरह की मोहमाया, रिश्तों व सांसारिक बंधनों का त्याग कर देता है।

 

 

ऐसे में सन्यासी को किसी के पैर नहीं छूने चाहिये। हालाँकि वह अपने गुरु या धर्म सम्मत उच्च पद पर आसीन व्यक्ति के पैर छू सकता है। इसके अलावा, हम चाहें तो उस सन्यासी के पैर छू सकते हैं।

♦Shastro शास्त्रों के अनुसार सभी को सोते हुए व्यक्ति के :-

कई बार यह देखने में आता है या फिल्मों इत्यादि में दिखाया जाता है कि हम घर से निकलते समय सोते हुए माता-पिता या अन्य किसी व्यक्ति के पैर छूकर निकल जाते हैं। या फिर यदि कोई व्यक्ति बीमार है या बेड पर लेटा हुआ है, तो उसे परेशान ना करने का सोचकर, उनके लेटे रहते हुए ही उनके पैरों को स्पर्श कर लेते हैं। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो आज से ही इसे बंद कर दीजिये।

 

 

शास्त्रों में लिखा गया है कि यदि किसी सोये हुए या लेटे हुए व्यक्ति के पैर छुए जाते हैं तो इससे उस व्यक्ति की आयु घट जाती है। किसी भी व्यक्ति को या तो खड़े होकर या बैठ कर अपने पैर छुआने चाहिए। केवल मृत हो चुके व्यक्ति के ही इस तरह लेटे हुए पैर छुए जाते हैं।

 || ♥ धन्यवाद् ♥ ||


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